दूर क्षितिज के पार खड़ा है सपनों का वो उड़नखटोला! दूर क्षितिज के पार खड़ा है सपनों का वो उड़नखटोला!
आप जैसे सपने देखते है, जैसा कामकरते है, वैसी आपकी उडान होती है... बौनी या ऊॅंची...!!! आप जैसे सपने देखते है, जैसा कामकरते है, वैसी आपकी उडान होती है... बौनी या ऊॅंची....
दिखता था वह बड़ा रंगीला, आसमान में भव्य नजारा । दिखता था वह बड़ा रंगीला, आसमान में भव्य नजारा ।
यह कविता इंसान को अपने सपनों को सच करने की राह दिखाती है। यह कविता इंसान को अपने सपनों को सच करने की राह दिखाती है।
वक्त हमारा भी आएगा और कोई ये ना कह सकेगा की हम बौनी उड़ान रखते है। वक्त हमारा भी आएगा और कोई ये ना कह सकेगा की हम बौनी उड़ान रखते है।
बेटी से रोशन ये आँगन बेटी से ही अपनी पहचान! बेटी से रोशन ये आँगन बेटी से ही अपनी पहचान!